
फेफड़ों का कैंसर कितने प्रकार का होता है?
- फेफड़ों का कैंसर, जिसे लंग कैंसर भी कहते हैं, एक गंभीर बीमारी है जिसमें फेफड़ों की कोशिकाओं में असामान्य और अनियंत्रित वृद्धि होने लगती है।
- यह असामान्य कोशिकाएं ट्यूमर बना सकती हैं और समय के साथ शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकती हैं।
- फेफड़ों का कैंसर दुनियाभर में कैंसर से होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है, लेकिन इसके बारे में सही जानकारी होने से इसे समझने और इसका सामना करने में मदद मिल सकती है।
- आज हम इस ब्लॉग पोस्ट में फेफड़ों के कैंसर के विभिन्न प्रकारों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
- यह समझना महत्वपूर्ण है कि फेफड़ों का कैंसर एक ही बीमारी नहीं है, बल्कि इसके कई अलग-अलग प्रकार होते हैं, और प्रत्येक प्रकार का इलाज अलग तरीके से किया जा सकता है।
फेफड़ों के कैंसर के मुख्य प्रकार क्या होता है?
मुख्य रूप से फेफड़ों के कैंसर को दो बड़े प्रकारों में बांटा गया है:
- नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC)
- स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC)
ये दोनों प्रकार फेफड़ों की कोशिकाओं में कैंसर की शुरुआत और उनके व्यवहार के आधार पर अलग-अलग होते हैं।
1. नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) क्या है?
नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) फेफड़ों के कैंसर का सबसे आम प्रकार है, जो लगभग 80-85% मामलों में पाया जाता है। यह धीरे-धीरे बढ़ता और फैलता है। NSCLC को आगे कई उप-प्रकारों में बांटा गया है, जिनमें प्रमुख हैं:
- एडेनोकार्सिनोमा (Adenocarcinoma): यह NSCLC का सबसे आम उप-प्रकार है, खासकर धूम्रपान न करने वालों या उन लोगों में जिन्होंने पहले कभी धूम्रपान किया था। यह आमतौर पर फेफड़ों के बाहरी हिस्सों में शुरू होता है। whawh
- स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous Cell Carcinoma): यह दूसरा सबसे आम NSCLC प्रकार है और धूम्रपान से इसका सीधा संबंध होता है। यह अक्सर फेफड़ों के केंद्रीय हिस्सों में, बड़ी वायुमार्ग नलियों (bronchi) में शुरू होता है। यह स्क्वैमस कोशिकाओं से विकसित होता है, जो फेफड़ों की अंदरूनी परत में पाई जाती हैं।
- लार्ज सेल कार्सिनोमा (Large Cell Carcinoma): यह NSCLC का एक कम सामान्य और तेजी से फैलने वाला प्रकार है। इसे “अनडिफरेंशिएटेड कार्सिनोमा” भी कहा जाता है क्योंकि इसकी कोशिकाएं माइक्रोस्कोप के नीचे अन्य प्रकारों जैसी नहीं दिखतीं। यह फेफड़ों के किसी भी हिस्से में हो सकता है और तेजी से बढ़ता व फैलता है।
2. स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) क्या है?
स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) फेफड़ों के कैंसर का एक कम सामान्य लेकिन बहुत ही आक्रामक प्रकार है, जो लगभग 10-15% मामलों में पाया जाता है। यह मुख्य रूप से भारी धूम्रपान करने वालों में होता है। SCLC कोशिकाएं माइक्रोस्कोप के नीचे छोटी और अंडाकार दिखती हैं। इसकी मुख्य विशेषताएं हैं:
- तेजी से वृद्धि और प्रसार: SCLC बहुत तेजी से बढ़ता और शरीर के अन्य हिस्सों (जैसे मस्तिष्क, हड्डियों, लीवर) में जल्दी फैलता है। यही कारण है कि निदान होने तक यह अक्सर शरीर में दूर-दूर तक फैल चुका होता है।
- प्रारंभिक अवस्था में ही फैलने की प्रवृत्ति: NSCLC की तुलना में SCLC का इलाज अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि यह अक्सर प्रारंभिक अवस्था में ही फैल चुका होता है।
- केमोथेरेपी और रेडिएशन के प्रति संवेदनशीलता: हालांकि यह आक्रामक होता है, SCLC अक्सर कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया देता है, कम से कम शुरुआत में। हालांकि, यह अक्सर फिर से हो जाता है (relapses)।
फेफड़ों के कैंसर के अन्य दुर्लभ प्रकार क्या होता है?
उपरोक्त दो मुख्य प्रकारों के अलावा, फेफड़ों के कैंसर के कुछ बहुत ही दुर्लभ प्रकार भी होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- कार्सिनोइड ट्यूमर (Carcinoid Tumors): ये न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर होते हैं और फेफड़ों के ट्यूमर का 1-2% ही होते हैं। ये आमतौर पर धीमी गति से बढ़ते हैं और कम आक्रामक होते हैं (एटीपिकल कार्सिनोइड अधिक आक्रामक हो सकता है)।
- एडेनोसिस्टिक कार्सिनोमा (Adenoid Cystic Carcinoma): यह बहुत ही दुर्लभ प्रकार है जो अक्सर श्वासनली (trachea) या बड़ी वायुमार्ग नलियों में होता है।
- लिम्फोमा (Lymphoma): यह फेफड़ों में भी हो सकता है, हालांकि यह अक्सर लिम्फ नोड्स में शुरू होता है।
- सारकोमा (Sarcoma): यह फेफड़ों में बहुत ही दुर्लभ होता है और संयोजी ऊतकों (connective tissues) से उत्पन्न होता है।
कैंसर के प्रकार का पता लगाना क्यों महत्वपूर्ण है?
फेफड़ों के कैंसर के सटीक प्रकार का पता लगाना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि:
- इलाज का निर्धारण: विभिन्न प्रकार के फेफड़ों के कैंसर के लिए अलग-अलग उपचार पद्धतियां होती हैं। उदाहरण के लिए, NSCLC के लिए सर्जरी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी, लक्षित थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है, जबकि SCLC के लिए मुख्य रूप से कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी का उपयोग किया जाता है।
- रोग का निदान (Prognosis): प्रत्येक प्रकार के कैंसर का अपना एक संभावित रोग निदान होता है, जो भविष्य के बारे में कुछ अनुमान लगाने में मदद करता है।
- लक्षित थेरेपी की उपलब्धता: NSCLC के कुछ उप-प्रकारों में विशिष्ट आनुवंशिक परिवर्तन होते हैं जिनके लिए विशेष दवाएं (लक्षित थेरेपी) उपलब्ध होती हैं जो केवल उन कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाती हैं जिनमें वे परिवर्तन होते हैं। SCLC के लिए लक्षित थेरेपी सीमित हैं।
निदान की प्रक्रिया क्या है
फेफड़ों के कैंसर के प्रकार का पता लगाने के लिए डॉक्टर विभिन्न परीक्षण करते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- बायोप्सी (Biopsy): यह सबसे महत्वपूर्ण परीक्षण है जिसमें फेफड़ों के ऊतक का एक छोटा सा नमूना लेकर माइक्रोस्कोप के नीचे जांच की जाती है। इसी से कैंसर के प्रकार की पुष्टि होती है।
- इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests): एक्स-रे, सीटी स्कैन, पीईटी स्कैन और एमआरआई जैसे टेस्ट कैंसर के स्थान, आकार और फैलाव को देखने में मदद करते हैं।
- मॉलिक्यूलर टेस्टिंग (Molecular Testing): NSCLC के मामलों में, ट्यूमर के नमूने पर विशिष्ट आनुवंशिक परिवर्तनों का पता लगाने के लिए मॉलिक्यूलर टेस्टिंग की जाती है ताकि लक्षित थेरेपी का विकल्प तय किया जा सके।