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प्रोस्टेट कैंसर: पुरुषों में इसके लक्षण और शुरुआती संकेत क्या है?
प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती और सामान्य लक्षण जानें, ताकि समय रहते इलाज हो सके।

प्रोस्टेट कैंसर के मुख्य लक्षण क्या है?
बार-बार पेशाब आने की समस्या
- अगर आपको दिन या रात में बहुत बार पेशाब करने की ज़रूरत पड़ती है, तो यह प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्या का संकेत हो सकता है। यह लक्षण BPH (Benign Prostatic Hyperplasia) में भी होता है, लेकिन प्रोस्टेट कैंसर का भी संकेत हो सकता है।
पेशाब करने में रुकावट या जलन
- पेशाब करते समय रुकावट महसूस होना, मूत्र का धीमा निकलना या जलन होना एक चेतावनी संकेत है। कभी-कभी पेशाब करते समय दर्द भी होता है।
पेशाब या वीर्य में खून आन
- अगर पेशाब या वीर्य में खून दिखाई दे, तो यह गंभीर स्थिति है। ऐसा किसी आंतरिक घाव या कैंसर की वजह से हो सकता है। इसे कभी भी नज़रअंदाज़ न करें।
पीठ या हड्डियों में लगातार दर्
- प्रोस्टेट कैंसर जब हड्डियों तक फैलता है तो पीठ, जांघ या कूल्हों में लगातार दर्द बना रहता है। यह दर्द दवाइयों से भी कम नहीं होता और समय के साथ बढ़ता जाता है।
थकान, कमज़ोरी और वज़न घटान
- अगर आप बिना किसी वजह के थका हुआ महसूस करते हैं, हर समय शरीर में सुस्ती रहती है और वजन अचानक गिर रहा है – तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है। शरीर कैंसर से लड़ रहा होता है, जिससे ऊर्जा खत्म होती है।
सेक्स संबंधी समस्या
- प्रोस्टेट कैंसर की वजह से पुरुषों को इरेक्शन में परेशानी (erectile dysfunction), वीर्य स्राव में दर्द या यौन इच्छा में कमी हो सकती है।
शरीर के निचले हिस्से में सूजन
अगर कैंसर शरीर में फैल जाए, तो पैरों, टांगों या कमर के नीचे सूजन आ सकती है। इसका कारण लिम्फ नोड्स या ब्लड फ्लो में रुकावट हो सकती है।
प्रोस्टेट कैंसर क्यों होता है?
इसका कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ जोखिम बढ़ाने वाले फैक्टर हैं:
- उम्र (50 साल से ऊपर)
- परिवार में किसी को प्रोस्टेट कैंसर होना
- मोटापा या असंतुलित खान-पान
- धूम्रपान और शराब की लत
- शारीरिक गतिविधियों की कमी
प्रोस्टेट कैंसर की पहचान कैसे की जाती है?
- PSA टेस्ट (Prostate Specific Antigen) – खून की जांच जो बताता है कि प्रोस्टेट में सूजन या कैंसर है या नहीं।
- DRE (Digital Rectal Exam) – डॉक्टर हाथ से प्रोस्टेट ग्रंथि की जांच करता है।
- बायोप्सी – प्रोस्टेट से सैंपल लेकर लैब में जांच होती है।
इलाज कैसे होता है?
इलाज कैंसर के स्टेज पर निर्भर करता है:
- शुरुआती स्टेज में सिर्फ निगरानी या हार्मोन थेरेपी दी जाती है।
- मध्यम स्टेज में सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी की जाती है।
- आखिरी स्टेज में कीमोथेरेपी, हॉर्मोन ब्लॉकिंग या इम्यून थेरेपी की जाती है।
प्रोस्टेट कैंसर से बचाव कैसे करें?
- स्वस्थ खान-पान अपनाएं – हरी सब्ज़ियां और फल खाएं।
- धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
- नियमित व्यायाम करें।
- 50 की उम्र के बाद हर साल जांच कराएं – खासकर अगर परिवार में किसी को ये बीमारी हुई हो।