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पैनक्रियास कैंसर: जानिए इसके प्रमुख कारण और बचाव के उपाय:

क्या धूम्रपान, शराब, मोटापा और आनुवंशिकता पैनक्रियास कैंसर के कारण हो सकते हैं? यहाँ जानिए पूरी जानकारी।

क्या आनुवंशिक कारण पैनक्रियास कैंसर का कारण बन सकते हैं?

  • जी हाँ, आनुवंशिक कारण पैनक्रियास कैंसर के सबसे महत्वपूर्ण जोखिम कारकों में से एक माने जाते हैं।
  • यदि परिवार में पहले किसी करीबी सदस्य को यह बीमारी रही है, तो आपके लिए इसका खतरा काफी बढ़ जाता है।
  • रिसर्च से पता चला है कि कुछ विशेष जीन जैसे BRCA2, PALB2, CDKN2A और PRSS1 में म्यूटेशन होने से कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है।
  • ऐसे लोगों में पैनक्रियास की कोशिकाएँ असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और समय के साथ कैंसर का रूप ले लेती हैं। इसलिए यदि किसी परिवार में यह बीमारी पहले से रही है,
  • तो नियमित स्क्रीनिंग और समय-समय पर मेडिकल चेकअप करवाना बेहद जरूरी है।

क्या धूम्रपान से पैनक्रियास कैंसर होता है?

  • हाँ, धूम्रपान पैनक्रियास कैंसर का एक बड़ा और सीधा कारण है।
  • तंबाकू में पाए जाने वाले जहरीले केमिकल्स खून के जरिए पैनक्रियास तक पहुँचते हैं और वहां की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाते हैं।
  • लगातार और लंबे समय तक धूम्रपान करने से DNA को रिपेयर करने की क्षमता कम हो जाती है और कोशिकाओं में असामान्य बदलाव आने लगते हैं।
  • रिसर्च के अनुसार धूम्रपान करने वालों में पैनक्रियास कैंसर का खतरा 2 से 3 गुना तक बढ़ जाता है।
  • अच्छी बात यह है कि यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान छोड़ देता है, तो आने वाले वर्षों में उसका खतरा धीरे-धीरे कम होने लगता है।

क्या शराब पीना इसका कारण हो सकता है?

  • अत्यधिक शराब पीना पैनक्रियास के लिए बहुत हानिकारक है।
  • लंबे समय तक शराब का सेवन करने से पैनक्रियास में लगातार सूजन (Chronic Pancreatitis) बनी रहती है।
  • यह सूजन कोशिकाओं की संरचना को बदल देती है और धीरे-धीरे कैंसर का कारण बन सकती है।
  • इसके अलावा शराब लिवर और पित्त नली पर भी असर डालती है,
  • जिससे पाचन प्रक्रिया बिगड़ जाती है और पैनक्रियास पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
  • अगर शराब के साथ धूम्रपान भी किया जाए तो कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

क्या मोटापा पैनक्रियास कैंसर का खतरा बढ़ाता है?

  • मोटापा केवल शरीर के बाहरी रूप को नहीं बदलता, बल्कि यह अंदरूनी अंगों पर भी गहरा असर डालता है।
  • अधिक वजन वाले लोगों में शरीर में इंसुलिन का स्तर असामान्य रूप से बढ़ने लगता है।
  • इससे पैनक्रियास पर दबाव पड़ता है और उसकी कोशिकाएँ लगातार ज्यादा काम करने लगती हैं। लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहने से कोशिकाओं में म्यूटेशन होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • मोटापा डायबिटीज और हार्मोनल असंतुलन जैसी बीमारियों को भी जन्म देता है, जो पैनक्रियास कैंसर के खतरे को और ज्यादा बढ़ाते हैं।

क्या डायबिटीज से पैनक्रियास कैंसर हो सकता है?

  • डायबिटीज और पैनक्रियास कैंसर के बीच गहरा संबंध है। लंबे समय तक डायबिटीज से पीड़ित लोगों में कैंसर का खतरा अधिक पाया गया है।
  • डायबिटीज की वजह से शरीर में ग्लूकोज का स्तर असामान्य हो जाता है और इंसुलिन का उत्पादन भी गड़बड़ा जाता है। यह स्थिति पैनक्रियास की कोशिकाओं को लगातार दबाव में रखती है।
  • कुछ मामलों में पैनक्रियास कैंसर डायबिटीज को जन्म देता है और कभी-कभी डायबिटीज कैंसर को जन्म देती है। इसलिए डायबिटीज मरीजों को नियमित चेकअप और मॉनिटरिंग करनी चाहिए।

क्या बार-बार पैनक्रियाटाइटिस होना कैंसर को जन्म देता है?

  • हाँ, पैनक्रियाटाइटिस यानी पैनक्रियास में सूजन होना कैंसर का एक प्रमुख कारण है।
  • जब यह सूजन बार-बार या लंबे समय तक बनी रहती है, तो कोशिकाओं में स्थायी बदलाव आने लगते हैं।
  • लगातार सूजन से कोशिकाओं का DNA प्रभावित होता है और वह धीरे-धीरे कैंसरस हो सकती हैं।
  • Chronic Pancreatitis वाले मरीजों में पैनक्रियास कैंसर का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में कई गुना अधिक होता है। इसीलिए यदि किसी को बार-बार पेट में दर्द, उल्टी या पाचन संबंधी समस्या हो रही है
  • तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

क्या बढ़ती उम्र पैनक्रियास कैंसर का कारण बनती है?

  • पैनक्रियास कैंसर ज्यादातर बुजुर्गों में देखा जाता है, खासकर 60 वर्ष से ऊपर की उम्र वालों में।
  • उम्र बढ़ने के साथ कोशिकाओं में बदलाव स्वाभाविक रूप से होने लगते हैं।
  • DNA की मरम्मत करने की क्षमता कम हो जाती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घटने लगती है।
  • इस वजह से असामान्य कोशिकाओं को शरीर नष्ट नहीं कर पाता और वे कैंसर का रूप ले सकती हैं। यही कारण है कि उम्रदराज लोगों को नियमित मेडिकल चेकअप करवाना चाहिए।

क्या असंतुलित आहार पैनक्रियास कैंसर का कारण है?

  • आहार हमारी सेहत पर सीधा असर डालता है। यदि हमारा भोजन संतुलित नहीं है और हम ज्यादा मात्रा में तैलीय, मीठा, नमकीन और प्रोसेस्ड फूड खाते हैं, तो यह पाचन तंत्र और पैनक्रियास दोनों को कमजोर कर देता है।
  • जंक फूड में मौजूद प्रिजर्वेटिव और कृत्रिम फ्लेवरिंग एजेंट्स शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं फाइबर की कमी और पोषक तत्वों की कमी शरीर में कैंसरकारी तत्वों को बाहर निकालने की क्षमता कम कर देती है।

क्या रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट खाने से पैनक्रियास कैंसर हो सकता है?

  • हाँ, रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट जैसे सॉसेज, बेकन, हैम आदि पैनक्रियास कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
  • इनमें नाइट्राइट्स और नाइट्रेट्स जैसे केमिकल्स पाए जाते हैं, जो शरीर में जाकर कैंसरकारी पदार्थों में बदल जाते हैं। इनका लगातार सेवन पैनक्रियास की कोशिकाओं में म्यूटेशन पैदा कर सकता है।
  • रिसर्च बताती है कि रेड मीट का अधिक सेवन करने वाले लोगों में पैनक्रियास कैंसर का खतरा अधिक रहता है।

क्या हानिकारक रसायनों के संपर्क से कैंसर हो सकता है?

  • हाँ, हानिकारक रसायन भी कैंसर का कारण बन सकते हैं। जो लोग फैक्ट्रियों, पेट्रोलियम इंडस्ट्री, पेंट या कीटनाशकों के संपर्क में रहते हैं, उनमें पैनक्रियास कैंसर का खतरा अधिक होता है।
  • इन रसायनों में मौजूद जहरीले तत्व खून में घुलकर पैनक्रियास तक पहुँचते हैं और कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाते हैं। लंबे समय तक इनका असर DNA को प्रभावित कर सकता है और कैंसर का कारण बन सकता है।

क्या कमजोर इम्यून सिस्टम से कैंसर का खतरा बढ़ता है?

  • हाँ, यदि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो कैंसर का खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
  • सामान्यतः इम्यून सिस्टम शरीर में बनने वाली असामान्य कोशिकाओं को खत्म कर देता है।
  • लेकिन जब यह कमजोर हो जाता है, जैसे कि HIV संक्रमण या ऑर्गन ट्रांसप्लांट के बाद, तो कैंसरस कोशिकाएँ आसानी से बढ़ने लगती हैं।

क्या पित्त नली या लिवर की समस्या इसका कारण बन सकती है?

  • पित्त नली और लिवर की समस्याएँ भी पैनक्रियास कैंसर का कारण बन सकती हैं।
  • यदि लंबे समय तक पित्त नली में रुकावट रहती है, तो पैनक्रियास पर लगातार दबाव पड़ता है।
  • इसी तरह लिवर की खराबी भी पाचन को प्रभावित करती है और पैनक्रियास पर असर डालती है। यह दबाव और बदलाव कैंसर को जन्म दे सकते हैं।

क्या विटामिन और पोषण की कमी से पैनक्रियास कैंसर होता है?

  • जरूरी पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स हमारे शरीर को फ्री-रैडिकल्स से बचाते हैं।
  • यदि आहार में विटामिन A, C और E की कमी है तो शरीर की कोशिकाएँ ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का शिकार हो जाती हैं। इससे DNA को नुकसान पहुँचता है और कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

क्या भारी धातुएँ (Heavy Metals) इस बीमारी का कारण बनती हैं?

हाँ, आर्सेनिक, कैडमियम और सीसा जैसी भारी धातुएँ शरीर के लिए बेहद खतरनाक होती हैं। लंबे समय तक इनके संपर्क में रहने से पैनक्रियास की कोशिकाएँ प्रभावित हो जाती हैं और कैंसर विकसित हो सकता है।

क्या हार्मोनल असंतुलन पैनक्रियास कैंसर का कारण है?

इंसुलिन और अन्य हार्मोन का असंतुलन पैनक्रियास को लगातार प्रभावित करता है। जब इंसुलिन का स्तर बार-बार असामान्य हो, तो पैनक्रियास की कोशिकाएँ दबाव में आकर असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं, जो कैंसर का रूप ले सकती हैं।

क्या संक्रमण और वायरस पैनक्रियास कैंसर का कारण बनते हैं?

कुछ संक्रमण और वायरस पैनक्रियास की कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, हेपेटाइटिस जैसे वायरल इंफेक्शन पाचन तंत्र को कमजोर करते हैं और पैनक्रियास कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।

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