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कीमोथेरेपी: साइड इफेक्ट्स और बचाव के आसान उपाय
कैंसर इलाज के दौरान शरीर और मन पर पड़ने वाले असर और उन्हें संभालने के तरीके

कीमोथेरेपी क्या होती है?
- कीमोथेरेपी एक दवाई है जो खासतौर पर कैंसर जैसी बीमारियों के लिए दी जाती है। यह दवाई कैंसर की खराब कोशिकाओं को मारती है ताकि वह शरीर में फैल न पाएं।
- कीमोथेरेपी शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को भी थोड़ी बहुत नुकसान पहुँचा सकती है, इसलिए इसके कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं।
- यह दवा कई तरीकों से दी जा सकती है जैसे इंजेक्शन, ड्रिप, या गोलियों के रूप में।
- यह ट्यूमर को छोटा करने, बीमारी को रोकने और मरीज की जीवन रक्षा करने में मदद करती है।
कीमोथेरेपी से बाल क्यों झड़ते हैं?
- कीमोथेरेपी दवा तेज़ी से बढ़ने वाली कोशिकाओं पर असर करती है। बाल की जड़ें भी तेज़ी से बढ़ती हैं इसलिए वे प्रभावित होती हैं और बाल झड़ने लगते हैं।
- बालों का झड़ना आमतौर पर पूरे सिर पर या शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है।
- यह झड़ना अस्थायी होता है। इलाज खत्म होने के बाद बाल धीरे-धीरे वापस उग जाते हैं।
- मरीज और परिवार के लिए मानसिक रूप से यह मुश्किल हो सकता है, इसलिए इसे संभालने के लिए डॉक्टर सलाह देते हैं।
कीमोथेरेपी से उल्टी और मिचली क्यों होती है?
- कीमोथेरेपी दवा पेट और दिमाग की उल्टी कंट्रोल करने वाली जगहों को प्रभावित करती है।
- दवा के कारण मिचली, उल्टी और कभी-कभी पेट में दर्द हो सकता है।
- डॉक्टर आमतौर पर उल्टी रोकने वाली दवा भी देते हैं ताकि मरीज आराम महसूस कर सके।
- खाने में हल्का और आसान पचने वाला खाना लेना और पर्याप्त पानी पीना मदद करता है।
कीमोथेरेपी से थकान क्यों होती है?
- कीमोथेरेपी दवा शरीर की लाल खून की कोशिकाओं और ऊर्जा बनाने वाली कोशिकाओं पर असर कर सकती है।
- इससे शरीर कमजोर, सुस्त और थका हुआ महसूस करता है।
- इलाज के दौरान मरीज को आराम करना, हल्का व्यायाम करना और पोषणयुक्त खाना खाना बहुत जरूरी होता है।
- थकान अक्सर धीरे-धीरे कम होती है जब शरीर दवा के असर के अनुसार एडजस्ट करता है।
कीमोथेरेपी में भूख क्यों कम हो जाती है?
- दवा स्वाद और सूंघने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है।
- कभी-कभी मुंह में छाले या दर्द के कारण खाना ठीक से नहीं खाया जा सकता।
- खाने की आदत में बदलाव और छोटे-छोटे भोजन लेना भूख बढ़ाने में मदद करता है।
- हल्का, गरम और आसानी से पचने वाला खाना लेना अच्छा होता है।
कीमोथेरेपी से बुखार क्यों होता है?
- दवा शरीर की सफेद रक्त कोशिकाओं को कम कर देती है। ये कोशिकाएं शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं।
- सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी से शरीर जल्दी संक्रमण ले लेता है और बुखार आ जाता है।
- अगर तेज बुखार हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि यह गंभीर हो सकता है।
- बुखार के दौरान आराम करना और पानी पीना बहुत जरूरी है।
कीमोथेरेपी में खून कम क्यों हो सकता है?
- दवा बोन मैरो पर असर करती है। बोन मैरो शरीर में खून बनाने वाली जगह है।
- खून कम होने से शरीर कमजोर, सांस फूलना, चक्कर और थकान महसूस हो सकती है।
- डॉक्टर खून बढ़ाने वाली दवा या कभी-कभी खून चढ़ाने का इलाज करते हैं।
- खून कम होने पर सावधानी बरतना और भारी काम नहीं करना जरूरी होता है।
वजन क्यों कम या ज्यादा हो सकता है?
- कीमोथेरेपी से भूख कम होने या बार-बार उल्टी होने से वजन कम हो सकता है।
- कभी-कभी दवाओं से शरीर में पानी रुकने और सूजन आने से वजन बढ़ सकता है।
- सही खानपान, हल्का व्यायाम और डॉक्टर की सलाह अनुसार डाइट लेना वजन संतुलित रखने में मदद करता है।
- वजन में अचानक बदलाव होने पर डॉक्टर से तुरंत बात करनी चाहिए।
हाथ-पैर में झनझनाहट क्यों होती है?
- कीमोथेरेपी दवा नसों को प्रभावित कर सकती है।
- इससे हाथ-पैर में जलन, सुन्नपन या सुई जैसी चुभन महसूस हो सकती है।
- यह असर अक्सर धीरे-धीरे ठीक हो जाता है।
- डॉक्टर कभी-कभी दर्द कम करने वाली दवा भी देते हैं।
त्वचा क्यों संवेदनशील हो जाती है?
- दवा त्वचा की नर्म कोशिकाओं को प्रभावित कर सकती है।
- इससे त्वचा सूखी, लाल, खुजलीदार या चकत्तेदार हो सकती है।
- सूरज की रोशनी से जलन और सनबर्न ज्यादा हो सकता है।
- मॉइस्चराइज़र, हल्का साबुन और सनस्क्रीन का इस्तेमाल मदद करता है।
कीमोथेरेपी से दस्त क्यों होता है?
- दवा पेट और आंत की लाइनिंग को नुकसान पहुंचा सकती है।
- खाना पचाने में दिक्कत और बार-बार दस्त आ सकते हैं।
- ज्यादा पानी पीना और हल्का, पचने वाला खाना खाने से राहत मिलती है।
- कभी-कभी डॉक्टर दवा भी देते हैं दस्त कम करने के लिए।
मुंह में छाले क्यों होते हैं?
- कीमोथेरेपी दवा मुंह की नर्म कोशिकाओं पर असर करती है।
- इससे मुंह में छाले, दर्द और खाने-पीने में परेशानी हो सकती है।
- ठंडा पानी पीना, हल्का खाना और मुंह की सफाई से आराम मिलता है।
- डॉक्टर कभी-कभी दवा भी देते हैं दर्द कम करने के लिए।
कीमोथेरेपी से नींद क्यों नहीं आती?
- चिंता, दर्द और थकान नींद में बाधा डाल सकते हैं।
- दवा भी दिमाग पर असर कर सकती है और नींद मुश्किल बना सकती है।
- शांत वातावरण, हल्का संगीत और दिनचर्या में बदलाव से नींद बेहतर हो सकती है।
कीमोथेरेपी से याददाश्त क्यों कम हो सकती है?
- दवा दिमाग की कोशिकाओं को धीमा कर सकती है।
- इसे “कीमो ब्रेन” कहते हैं।
- याददाश्त और ध्यान धीरे-धीरे ठीक हो जाता है।
- आराम, हल्का दिमागी व्यायाम और पर्याप्त नींद मदद करते हैं।
कीमोथेरेपी कब खतरे का संकेत देती है?
- तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत, बहुत कमजोरी या अत्यधिक खून बहना।
- त्वचा पर अचानक लाल दाने या गंभीर उल्टी।
- ये संकेत डॉक्टर को तुरंत दिखाने चाहिए।
- समय पर ध्यान देने से गंभीर समस्या से बचा जा सकता है।



