Blog

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है? जानें हर स्टेज के लिए उपचार क्या होता है?

जानिए ब्रेस्ट कैंसर के सभी इलाज के तरीके – सर्जरी से लेकर इम्यूनोथेरेपी तक।

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कैसे होता है?

  • ब्रेस्ट कैंसर, जिसे हिंदी में स्तन कैंसर कहा जाता है, महिलाओं में सबसे ज़्यादा पाया जाने वाला कैंसर है। हालांकि यह ज्यादातर महिलाओं को होता है, पर पुरुषों में भी इसके कुछ दुर्लभ मामले पाए गए हैं।
  • यह बीमारी तब होती है जब स्तन की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और एक गांठ या ट्यूमर का रूप ले लेती हैं।
  • आज के समय में जागरूकता और मेडिकल साइंस की तरक्की के चलते ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव हो गया है।
  • लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि समय पर बीमारी का पता चले और सही इलाज शुरू किया जाए।
    इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कैसे होता है, और हर स्टेज पर क्या-क्या विकल्प होते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के मुख्य तरीक क्या होता है?

स्तन कैंसर के इलाज का चुनाव कई चीज़ों पर निर्भर करता है:

  • कैंसर की स्टेज (Stage 1, 2, 3 या 4)
  • कैंसर का प्रकार – हार्मोन पॉजिटिव, HER2-पॉजिटिव या ट्रिपल निगेटिव
  • महिला की उम्र, स्वास्थ्य, और मेडिकल हिस्ट्री

इलाज के लिए डॉक्टर आमतौर पर एक या एक से ज्यादा तरीके अपनाते हैं। नीचे हम सभी इलाज विधियों को विस्तार से समझ रहे हैं।

कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है? जानें हर स्टेज के लिए उपचारसर्जरी (Surgery) क्या होती हैं?

सर्जरी ब्रेस्ट कैंसर का सबसे आम इलाज है। इसमें कैंसरग्रस्त टिशू को शरीर से हटा दिया जाता है।

(a) लंपेक्टॉमी (Lumpectomy):

इसमें केवल कैंसर वाली गांठ और उसके आसपास का हिस्सा हटाया जाता है। स्तन का ज़्यादातर भाग सुरक्षित रहता है।

(b) मैस्टेक्टॉमी (Mastectomy):

इसमें पूरा स्तन हटा दिया जाता है। यह तब किया जाता है जब कैंसर फैल चुका हो या दोबारा होने का खतरा हो।

सर्जरी के दौरान कभी-कभी लसीका ग्रंथियाँ (lymph nodes) भी हटाई जाती हैं, ताकि देखा जा सके कि कैंसर कहीं और फैला है या नहीं।

कीमोथेरेपी (Chemotherapy) क्या होती हैं?

कीमोथेरेपी में दवाइयों का उपयोग करके कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। यह दवाइयाँ शरीर में जाकर कैंसर की बढ़ती कोशिकाओं को रोकती हैं।

कीमोथेरेपी निम्न स्थितियों में दी जाती है:

  • सर्जरी से पहले (Neoadjuvant): ताकि ट्यूमर छोटा हो जाए
  • सर्जरी के बाद (Adjuvant): ताकि छिपे हुए कैंसर कोशिकाएं खत्म हो जाएं
  • Stage 4: जब कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल गया हो

इसके कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं जैसे – बाल झड़ना, उल्टी, थकान, लेकिन ये अस्थायी होते हैं।

रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy) क्या होती हैं?

इस प्रक्रिया में उच्च ऊर्जा वाली किरणों का इस्तेमाल करके कैंसर कोशिकाओं को मारा जाता है। यह थेरेपी सर्जरी के बाद दी जाती है ताकि बची हुई कैंसर कोशिकाओं को पूरी तरह खत्म किया जा सके।

यह थेरेपी आमतौर पर 3 से 6 हफ्तों तक चलती है, और इसका असर धीरे-धीरे दिखाई देता है।

हार्मोन थेरेपी (Hormone Therapy) क्या होती हैं?

अगर कैंसर हार्मोन रिसेप्टर पॉजिटिव (HR+) हो, तो हार्मोन थेरेपी दी जाती है। इसमें ऐसी दवाइयाँ दी जाती हैं जो शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को ब्लॉक कर देती हैं ताकि कैंसर कोशिकाएं बढ़ न सकें।

हार्मोन थेरेपी 5 से 10 साल तक दी जा सकती है।

उदाहरण:

  • टेमॉक्सिफेन (Tamoxifen)
  • एरोमाटेज इनहिबिटर (Aromatase Inhibitors)

टार्गेटेड थेरेपी (Targeted Therapy) क्या होती हैं?

अगर ब्रेस्ट कैंसर HER2-पॉजिटिव है (यानि ट्यूमर में HER2 नामक प्रोटीन बहुत ज़्यादा है), तो विशेष दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है जो सिर्फ उन कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाती हैं।

प्रमुख दवाएं:

  • ट्रास्टुज़ुमैब (Trastuzumab)
  • पर्टुज़ुमैब (Pertuzumab)

इस थेरेपी में साइड इफेक्ट कम होते हैं क्योंकि ये केवल कैंसर सेल्स को टार्गेट करती हैं।

इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) क्या होती हैं?

इम्यूनोथेरेपी शरीर की इम्यून सिस्टम को कैंसर से लड़ने के लिए तैयार करती है। यह विशेष रूप से Triple-negative ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों में इस्तेमाल की जाती है।

इसमें दवाइयाँ शरीर के अंदर कैंसर को पहचानकर उस पर हमला करने का निर्देश देती हैं।

सपोर्टिव केयर (Emotional & Supportive Care) क्या होती हैं?

ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के दौरान मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक सहयोग भी उतना ही ज़रूरी होता है जितना कि मेडिकल ट्रीटमेंट।

  • तनाव दूर करने के लिए थेरेपी
  • कैंसर सपोर्ट ग्रुप में शामिल होना
  • योग, ध्यान और हल्का व्यायाम
  • पोषणयुक्त आहार और आराम

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page